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101 " ब्रह्म-चिंता नाम की पुस्तक "
― Paul Brunton , A Search In Secret India: The classic work on seeking a guru
102 " मेरी पद्धति शरीर के नियंत्रण पर आधारित है। यह सभी तरह की योग पद्धतियों में सबसे कठिन है। इसमें शरीर और स्वास्थ्य दोनों से संघर्ष करना होता है क्योंकि ये दोनों ही ज़िद्दी टट्टू की तरह हैं। उन दोनों पर विजय प्राप्त करना आवश्यक है। इसके बाद तंत्रिकाओं और मस्तिष्क को अधिक आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। "
103 " तुम्हें सादा जीवन जीते हुए अपने मस्तिष्क के भीतर हलचल पैदा करना पसंद है। तुम मन के असली स्रोत तक पहुँचने का प्रयास कर रहे हो। एक दिन तुम भारत के योगियों, तिब्बत के लामाओं तथा जापान के जेन भिक्षुओं तक पहुँच जाओगे। तब तुम कुछ सचमुच अनूठे दस्तावेज़ लिखोगे। शुभ रात्रि!’ ‘आप इन योगियों के विषय में क्या सोचते हैं? "
104 " लोग अपराध इसलिए करते हैं क्योंकि वह उसी अपराध में खु़शी तलाशते हैं। यह तलाश मनुष्य का जन्मजात गुण है, परंतु उन्हें इस बात का आभास नहीं होता कि वह इस दौरान स्वयं की तलाश कर रहे हैं। इसलिए वह आनंद प्राप्त करने के लिए ग़लत कामों में उसे ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं। "
105 " Bacon was but a precursor of the Darwinian war of reasoned teachings against dogmatic beliefs, which left such a deep mark on the thought of the last century. Whatever may have been the place of blind faith during former centuries, it cannot again for long assume leadership in a century when reason has so visibly and so tangibly shown its triumphs all around us. We "
― Paul Brunton , The Hidden Teaching Beyond Yoga
106 " नियति प्रतिदिन नए आदेश जारी करती है और हालाँकि हम लोग इतने योग्य नहीं हैं उन्हें समझ सकें, फिर भी हम अचेतन रूप से उनका पालन करने के लिए निकल पड़ते "
107 " साहबजी के बारे में सोचता हूँ। उनका व्यक्तित्व सचमुच चुंबकीय है। वह बहुत आकर्षक हैं और उनके भीतर अमेरिकियों जैसी सतर्कता और व्यवहारिकता, अंग्रेज़ों जैसा आचरण और भारतीयों जैसी निष्ठा और विचारप्रभुता का अद्भुत मिश्रण है। उनके समान व्यक्तित्व आधुनिक जगत में ढूँढ़ना बहुत मुश्किल है। "
108 " मेरा एक बहुत पुराना सिद्धांत है। मेरा ऐसा मानना है कि मनुष्य आँखों से किसी की आत्मा को अपने साथ ले जा सकता है। "
109 " ईश्वर प्रेम ही नहीं, बल्कि सौंदर्य का भी रूप है। मनुष्य जैसे-जैसे अपने भीतर ईश्वर की अभिव्यक्ति महसूस करता है, सौंदर्य के प्रति उसकी अभिव्यक्ति में वृद्ध हो जाती है। यह बात स्वयं पर ही नहीं, अपितु अपने वातावरण पर भी लागू होती है। "
110 " तुम्हें अपना गुरु अपने भीतर तलाशना होगा। तुम्हें उसके शरीर को भी उसी तरह जानना होगा, जैसे वह स्वयं अपने शरीर को जानता है क्योंकि यह उसका सच्चा स्वरूप नहीं है। "
111 " वे सभी प्रश्न, जो मैं अब तक स्वयं से पूछता रहा हूँ, अचानक कितने छोटे प्रतीत हो रहे हैं! बीते वर्षों का परिदृश्य कितना तुच्छ हो गया है! मैं स्पष्ट तौर पर यह समझ सकता हूँ कि मनुष्य की बुद्धि स्वयं उसके लिए समस्याएँ पैदा करती है और उन्हें सुलझाने का प्रयास करने से मनुष्य और परेशान हो जाता है! किसी ऐसे व्यक्ति के, जो अब तक बुद्धि को बहुत महत्त्व देता रहा है, मन में इस तरह का विचार आना बड़ी अनोखी और नई बात है। "
112 " मनुष्य की सबसे बड़ी भूल यही है कि वह स्वयं को कमज़ोर और निष्क्रिय समझता है। प्रत्येक व्यक्ति भीतर से बहुत मज़बूत है। उसकी आदतें, उसकी इच्छाएँ और उसके विचार वास्तव में कमज़ोर और निष्क्रिय होते हैं। वह व्यक्ति स्वयं ऐसा नहीं होता! "
113 " आपके लिए इस वीरान एवं एकांत स्थान पर आध्यात्मिक शांति बनाए रखना बहुत आसान है।’ ‘आपको जब अपना लक्ष्य मिल जाता है और आप ईश्वर को जान लेते हैं तो लंदन के किसी आलीशान घर में "
114 " यह सच है कि हम लोग पिछड़े हुए हैं, परंतु हमारी आवश्यकताएँ बहुत सीमित हैं। हमारे समाज को सुधार की आवश्यकता है किंतु हम लोग आपके यहाँ के लोगों की अपेक्षा बहुत कम चीज़ों से भी संतुष्ट रहते हैं। इसलिए पिछड़ा हुआ होने का अर्थ यह नहीं है कि हम लोग कम ख़ुश हैं। "
115 " यदि आवश्यक हो तो चंद्रमा के वर्धन-काल के दौरान कुछ जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमारे पास मुख्य रूप से चार प्रकार के अभ्यास या पद्धतियाँ मौजूद हैं। सबसे पहले, हम विश्राम की कला सीखते हैं ताकि शरीर की नसों को आराम दिया जा सके। इसके लिए चार उपयुक्त अभ्यास होते हैं। इसके बाद, हम शरीर को “खींचने” का तरीक़ा सीखते हैं। हमने इन व्यायामों को पशुओं के ख़ुद को स्वाभाविक ढंग से खींचने के अंदाज़ को देखकर तैयार किया है। "
116 " मस्तिष्क की दूरसंवेदी शक्तियों के प्रयोग द्वारा भी गुप्त रूप से सेवा की जा सकती है; उसके प्रभाव को दूर से संप्रेषित किया जा सकता है, जो दिखाई न देने पर भी उतना ही शक्तिशाली होता है। "
117 " Perhaps the world, incubating over Asiatic wisdom and Western science, will one day hatch out a civilization that will shame antiquity, deride modernity and amaze posterity. "
118 " वे छोटी-सी कुटिया बनाकर रहते हैं, बहुत कम खाते हैं और हमेशा भगवान की भक्ति करते रहते हैं। धर्म उनकी श्वास है; उन्हें रात-दिन मन में उसी का ध्यान रहता है। वे लोग अधिकतर सज्जन पुरुष हैं जो धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते एवं मंत्रदि जपते रहते हैं। उन्हें भी योगी कहा जाता है। "
119 " विचार ही वह चीज़ है जो हमारे द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं में जुड़ जाती है। "
120 " भव्यता के दीप्तिमान पंखों ने उसे अपने अंदर समेट रखा है। वह अज्ञानता में ही जीना चाहता है। उसके द्वारा किए गए सर्वोच्च आविष्कार उसके जीवन की सबसे बड़ी बाधा हैं और उसे भौतिक जगत की ओर खींचने वाली समस्त वस्तुएँ एक दिन उसके गाँठ बनकर प्रकट हो जाएँगी "