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लियो टॉलस्टॉय की लोकप्रिय कहानियां QUOTES

4 " प्रार्थनाओं को बार-बार दोहरा रहा था और जमीन पर झुकता था। मैंने नई प्रार्थनाएँ भी बनाईं और हर बार मैं कह रहा था, ‘अपना अस्तित्व मुझे बताओ।’ मैं अब शांत हो गया और जवाब का इंतजार करने लगा, पर कोई जवाब नहीं आया। ऐसा मालूम पड़ा, वहाँ जवाब देने के लिए कोई नहीं था। मैं बिलकुल अकेला था और मैं ही अपने सवालों के जवाब उसकी तरफ से दे रहा था, जैसे कि वह तो जवाब देगा नहीं। ‘‘मुझे किसलिए बनाया गया है?’’ मैंने जवाब दिया, ‘‘भविष्य के जीवन में जीने के लिए।’’ ‘‘तब इतनी अनिश्चितता और पीड़ा क्यों है?मुझे भविष्य के जीवन में यकीन नहीं है। जब मैंने पूछा था, तब मुझे विश्वास था, पर मेरी पूरी आत्मा के साथ मुझे विश्वास नहीं है। अब मैं विश्वास कर भी नहीं सकता हूँ। यदि तुम्हारा अस्तित्व नहीं था, तुम मुझे या सभी लोगों को बता सकते थे; मगर तुम्हारा वजूद नहीं है और पीड़ा के अतिरिक्त कुछ भी सत्य नहीं है।’’ लेकिन मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता हूँ। मैंने इसकी खिलाफत की थी। मैंने उससे उसका अस्तित्व बताने के लिए कहा था। मैंने वह सब किया, जो प्रत्येक व्यक्ति करता है; पर उसने मुझे खुद के बारे में नहीं बताया। ‘‘माँगो और वह तुम्हें दिया जाएगा।’’ मैंने याद किया और व्याकुलता से कहना शुरू किया और ऐसा करने में मुझे कोई आराम नहीं मिला, बल्कि सिर्फ हताशा की समाप्ति ही थी। शायद मेरी तरफ से उससे गंभीर निवेदन नहीं था, बल्कि केवल उसको नकारना ही था। तुम उससे एक कदम पीछे हटते हो और वह तुमसे एक मील दूर हो जाता है। मुझे उसमें यकीन नहीं था, मगर फिर भी मैं उसमें प्रवेश कर रहा हूँ। लेकिन उसने मुझे अपने बारे में नहीं बताया। "

Leo Tolstoy , लियो टॉलस्टॉय की लोकप्रिय कहानियां

7 " मैं वापस आने के लिए मुड़ गया और अब मुझे बड़े-बड़े पेड़ोंवाले जंगल के बीच से होकर गुजरना था। वहाँ की बर्फ काफी मोटी थी और मेरे जूते उसमें धँसने लगे थे तथा पेड़ों की टहनियाँ मुझे फँसा ले रही थीं। जंगल घना से घना होता जा रहा था। मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मैं कहाँ आ गया था, क्योंकि बर्फ की वजह से मैं अपने पहचाने रास्ते से भटक गया था। अब मैं अपने घर वापस आकर उस शिकार पार्टी के पास कैसे पहुँच सकूँगा? मुझे कहीं से रास्ता नहीं सूझ रहा था। मैं बिलकुल थककर पसीने में नहा चुका था। यदि मैं रुकता, तब शायद ठंड से जमकर मर ही जाता और यदि मैं चलता हूँ, तब इसके लिए मेरी ताकत जवाब दे चुकी है। मैं जोर से चिल्लाया, पर मेरे चारों तरफ एक भयानक शांति थी और मेरी आवाज का कोई जवाब नहीं आया। मैं बिलकुल विपरीत दिशा की तरफ मुड़ा, जो कि फिर से गलत ही था और मैंने अपने चारों तरफ नजर दौड़ाई। चारों तरफ सिर्फ जंगल-ही-जंगल नजर आ रहा था। मुझे पूर्व और पश्चिम कुछ भी पता नहीं चल रहा था। मैं फिर वापस मुड़ा, मगर मैं मुश्किल से कुछ ही कदम चल सका था। मैं बहुत डरा हुआ था और वहीं रुक गया। "

Leo Tolstoy , लियो टॉलस्टॉय की लोकप्रिय कहानियां

8 " सौ गुने बड़े डर ने मुझे इस समय जकड़ रखा था। मेरा दिल धड़क रहा था और मेरे हाथ-पाँव काँप रहे थे। क्या मैं यहाँ मरने वाला हूँ? मैं मरना नहीं चाहता था। मौत क्यों आए? मौत क्या है? मैं फिर से पूछने और ईश्वर की तरफ मुड़ने ही वाला था कि मैंने अचानक महसूस किया कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए और मैं करूँगा भी नहीं। मुझे उसे पुकारने का कोई अधिकार नहीं है। उसने कहा था कि यह सब जरूरी था और यह सारी गलती सिर्फ मेरी थी। मैंने उससे क्षमा की याचना शुरू कर दी, क्योंकि मैं खुद से चिढ़ा हुआ था। हालाँकि, वह डर अब बहुत देर तक मुझ पर हावी नहीं था। मैं एक पल के लिए रुक गया। मैंने अपना साहस बटोरा और उस दिशा की तरफ बढ़ा, जो कि मुझे ठीक लग रही थी और अब मैं वाकई उस जंगल के बाहर निकल चुका था। जिस जगह मैं अपना रास्ता भटक गया था, वहाँ से बहुत दूर नहीं था। "

Leo Tolstoy , लियो टॉलस्टॉय की लोकप्रिय कहानियां

18 " ने गहरी साँस भरी और कहा, ‘‘यह सारी दुनिया तुम्हारे सामने है। यहाँ आओ और जाओ। चूँकि मैं कुछ सालों से बिस्तर पर पड़ा हूँ, इसलिए तुम सोचते हो कि तुम सबकुछ देख रहे हो और मैं कुछ नहीं देख सकता हूँ। मेरे बेटे, तुम कुछ भी नहीं देख पा रहे हो, क्योंकि गुस्से ने तुमको अंधा कर दिया है। दूसरों की गलतियाँ तुम्हारे सामने हैं, पर तुम्हारी अपनी गलतियाँ तुम्हारे पीछे हैं। तुम कहते हो कि उसने गलत किया है; पर यदि गलत करनेवाला वही एक आदमी होता तब इस दुनिया में कोई बुराई नहीं होती। क्या किसी एक आदमी की वजह से लोगों में बुराई पैदा होती है? झगड़े के लिए दो का होना जरूरी है। तुम उसके अपराध देख सकते हो, पर तुम अपने अपराध नहीं देख पाते हो। यदि केवल उसी ने गलत किया होता तब कोई झगड़ा नहीं होता। "

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