" संस्कार से किसान गैर-राजनीतिक है, इसलिए राजनीति या व्यवस्था-परवर्तन के के लिए उसे तैयार करना एक क्रांतिकारी काम है| भूमिहीन और भूमिधर किसानों में जो आपसी विद्वेष और संदेह है ... (उसको) सुलझाने के लिए दोनों हिस्सों में व्यवस्था-विरोधी चेतना पैदा करनी होगी "