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" भारतीय समाज की वस्तुस्थिति ऐसी है कि यहाँ आर्थिक विषमता और सामाजिक विषमता को अलग-अलग मानकर कोई क्रांतिकारी आंदोलन नहीं चलाया जा सकता है| जो लोग सामाजिक विषमता को महत्त्व न देकर सिर्फ आर्थिक विषमता को महत्त्व देते हैं या जो लोग इसका उल्टा करते हैं we निश्चय ही परिवर्तन नहीं चाहते हैं "

Kishen Pattanayak


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Kishen Pattanayak quote : भारतीय समाज की वस्तुस्थिति ऐसी है कि यहाँ आर्थिक विषमता और सामाजिक विषमता को अलग-अलग मानकर कोई क्रांतिकारी आंदोलन नहीं चलाया जा सकता है| जो लोग सामाजिक विषमता को महत्त्व न देकर सिर्फ आर्थिक विषमता को महत्त्व देते हैं या जो लोग इसका उल्टा करते हैं we निश्चय ही परिवर्तन नहीं चाहते हैं