Home > Author > Saadat Hasan Manto
61 " काश कि उसके जीवन की पुस्तक उसकी अपनी जेब में होती, जिसे खोल कर वह तुरन्त इसका उत्तर पा लेता। परन्तु "
― Saadat Hasan Manto , ठंडा गोश्त और अन्य कहानियाँ
62 " मुझे नफ़ासत तलाश करने में असफलता मिली है, लेकिन गन्दगी तो मेरे चारों तरफ़ फैली हुई है। "
― Saadat Hasan Manto , Boo Aur Anya Kahaniyan
63 " हर खयाल एक नश्तर बन गया "
64 " औरत, जो आधी औरत हो और आधी कुछ भी न हो। "
65 " नाक, जो इससे पहले खुशबुओं की तलाश करती रही है, अब बदबूदार और गलीज़ चीज़ें सूँघने के लिए बेताब "
66 " यह महज़ वहम है और असलियत से इसका कोई रिश्ता नहीं। लेकिन फिर भी उसके कदम रुक जाते "
67 " गन्दी मोरी से गलाज़त निकालने वाले पम्प की तरह दिन–रात चलती रहती "
68 " A little ahead was a shop burnt in the riots. A man now sat inside with two large slabs of ice on the floor. A thought came to me: ‘At last the poor shop has the chance to cool itself. "
― Saadat Hasan Manto , Why I Write: Essays by Saadat Hasan Manto
69 " तहज़ीब के सन्दूक में ताला लग जाये। "
70 " वह तो ऐसी किश्ती की तरह थी जिसका न बादबान (ऊपरी कपड़ा) हो न कोई पतवार और बीच मँझधार में आ फँसी है। "