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" दुनिया में दूसरे को मार देने वाले से लेकर दूसरे के लिए ख़ुद मर जाने वाले दोनों ही चरम के लोग हैं। तो दुनिया का क्या टेन्शन लेना? वो शायद बनी ही है ऐसी होने के लिए। फिर बुरे लोग होंगे ही नहीं तो जो अच्छा है उसका वैल्यूए ख़त्म नहीं हो जाएगा? दिन-रात न होकर हमेशा अँजोरे (उजाला ही) रहे तो उसका क्या भैल्यू बचेगा? "

Abhishek Ojha , लेबंटी चाह | Lebanti Chah


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Abhishek Ojha quote : दुनिया में दूसरे को मार देने वाले से लेकर दूसरे के लिए ख़ुद मर जाने वाले दोनों ही चरम के लोग हैं। तो दुनिया का क्या टेन्शन लेना? वो शायद बनी ही है ऐसी होने के लिए। फिर बुरे लोग होंगे ही नहीं तो जो अच्छा है उसका वैल्यूए ख़त्म नहीं हो जाएगा? दिन-रात न होकर हमेशा अँजोरे (उजाला ही) रहे तो उसका क्या भैल्यू बचेगा?