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" वश में आई हुई वस्तु से इसको तोष नहीं है, जीत लिया जिसको, उससे आगे सन्तोष नहीं है। नई सिद्धि-हित नित्य नया संघर्ष चाहता है नर, नया स्वाद, नव जय, नित नूतन हर्ष चाहता है नर। "

Ramdhari Singh 'Dinkar' , उर्वशी


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Ramdhari Singh 'Dinkar' quote : वश में आई हुई वस्तु से इसको तोष नहीं है, जीत लिया जिसको, उससे आगे सन्तोष नहीं है। नई सिद्धि-हित नित्य नया संघर्ष चाहता है नर, नया स्वाद, नव जय, नित नूतन हर्ष चाहता है नर।