Home > Author > सुरेन्द्र मोहन पाठक >

" आइकानिक लेखक जिक्र के काबिल होते हैं, पढ़ने के काबिल नहीं होते इसलिए ट्रेड से बाहर हो जाते हैं। "

सुरेन्द्र मोहन पाठक , हम नहीं चंगे…बुरा न कोय- आत्मकथा ‘लेखकीय जीवन के सबसे हलचल वाले दिनों की कथा |’ [Hum Nahi Change... Bura Na koy]


Image for Quotes

सुरेन्द्र मोहन पाठक quote : आइकानिक लेखक जिक्र के काबिल होते हैं, पढ़ने के काबिल नहीं होते इसलिए ट्रेड से बाहर हो जाते हैं।