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" बात याद रखो । जिसको मोह माया ज्यादा सताती है, वो ज्यादा संतप्त होता है । जितनी बड़ी आशा को कोई आसरा देता है, उतनी ही बड़ी निराशा पल्ले पड़ने की सम्भावना होती है । जो जितना ऊंचा उड़ता है उतनी ही ऊंचाई से गिरने का उसे खतरा होता है । इसलिये इच्छाओं पर, आशा तृष्णाओं पर अंकुश रखना चाहिये, उन्हें आपे से बाहर नहीं होने देना चाहिये "

सुरेन्द्र मोहन पाठक , शेरसवारी


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सुरेन्द्र मोहन पाठक quote : बात याद रखो । जिसको मोह माया ज्यादा सताती है, वो ज्यादा संतप्त होता है । जितनी बड़ी आशा को कोई आसरा देता है, उतनी ही बड़ी निराशा पल्ले पड़ने की सम्भावना होती है । जो जितना ऊंचा उड़ता है उतनी ही ऊंचाई से गिरने का उसे खतरा होता है । इसलिये इच्छाओं पर, आशा तृष्णाओं पर अंकुश रखना चाहिये, उन्हें आपे से बाहर नहीं होने देना चाहिये