Home > Work > ईशावास्योपनिषद – Ishavasya Upanishad
1 " ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते।पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।।ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।ॐ वह पूर्ण है और यह भी पूर्ण है; क्योंकि पूर्ण से पूर्ण की ही उत्पत्ति होती है। तथा पूर्ण का पूर्णत्व लेकर पूर्ण ही बच रहता है।ॐ शांति, शांति, शांति। "
― Osho , ईशावास्योपनिषद – Ishavasya Upanishad