Home > Author > Rahul Sankrityayan >

" वह कैसे भविष्यवाणी कर सकती है कि जिस स्वर्ग की हमने आकाश में कल्पना की है, वह उस दिन ढह जाएगा यदि वह किसी तरह यह स्वर्ग बन गया? स्वर्ग में स्वर्ग और अधोलोक में नर्क को स्वर्ग-नरक के आधार पर व्यापार करने के लिए धरती पर स्वर्ग और नर्क की आवश्यकता है। यह आवश्यकता राजा-एंडी और दास-स्वामी के बीच के अंतर से पूरी होती है "

Rahul Sankrityayan , वोल्गा से गंगा


Image for Quotes

Rahul Sankrityayan quote : वह कैसे भविष्यवाणी कर सकती है कि जिस स्वर्ग की हमने आकाश में कल्पना की है, वह उस दिन ढह जाएगा यदि वह किसी तरह यह स्वर्ग बन गया? स्वर्ग में स्वर्ग और अधोलोक में नर्क को स्वर्ग-नरक के आधार पर व्यापार करने के लिए धरती पर स्वर्ग और नर्क की आवश्यकता है। यह आवश्यकता राजा-एंडी और दास-स्वामी के बीच के अंतर से पूरी होती है