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" एक जंगल है तेरी आँखों में
मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ

तू किसी रेल-सी गुज़रती है
मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ "

Dushyant Kumar


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Dushyant Kumar quote : एक जंगल है तेरी आँखों में<br />मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ <br /><br />तू किसी रेल-सी गुज़रती है<br />मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ