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" चक्र! ऐसा जीवन तो विडंबना है, जिसके लिये रात-दिन लड़ना पड़े! "

जयशंकर प्रसाद , स्कंदगुप्त


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जयशंकर प्रसाद quote : चक्र! ऐसा जीवन तो विडंबना है, जिसके लिये रात-दिन लड़ना पड़े!