Home > Author > Munshi Premchand >

" आदमी को अपने संगों के मुँह से अपनी भलाई-बुराई सुनने की जितनी लालसा होती है, बाहरवालों के मुँह से नहीं। "

Munshi Premchand , गोदान [Godaan]


Image for Quotes

Munshi Premchand quote : आदमी को अपने संगों के मुँह से अपनी भलाई-बुराई सुनने की जितनी लालसा होती है, बाहरवालों के मुँह से नहीं।