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" अबला होती, सचमुच, योषिता कुमारी। है कठिन बन्द करना समाज के मुख को, सिर उठा न पा सकती पतिता निज सुख को। "

Ramdhari Singh 'Dinkar' , रश्मिरथी


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Ramdhari Singh 'Dinkar' quote : अबला होती, सचमुच, योषिता कुमारी। है कठिन बन्द करना समाज के मुख को, सिर उठा न पा सकती पतिता निज सुख को।