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" एक वर्ष पर्यन्त गन्धमादन पर हम विचरेंगे, प्रत्यागत हो नैमिषेय नामक शुभ यज्ञ करेंगे।" विचरें गिरि पर महाराज हो वशीभूत प्रीता के, यज्ञ न होगा पूर्ण बिना कुलवनिता परिणीता के। इसी धर्म के लिए आपको भुवनेश्वरि! जीना है। औशीनरी "

Ramdhari Singh 'Dinkar' , उर्वशी


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Ramdhari Singh 'Dinkar' quote : एक वर्ष पर्यन्त गन्धमादन पर हम विचरेंगे, प्रत्यागत हो नैमिषेय नामक शुभ यज्ञ करेंगे।