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" जीवन लालसाओं से बना हुआ सुन्दर चित्र है। उसका रंग छीनकर उसे रेखा—चित्र बना देने से मुझे सन्तोष नहीं होगा। उसमें कहे जाने वाले पुण्य—पाप की सुवर्ण कालिमा, सुख-दुःख की आलोक-छाया और लज्जा-प्रसन्नता की लाली-हरियाली उद्‌भासित हो। और चाहिए उसके लिए विस्तृत भूमिका, जिसमें रेखाएँ उत्सुक्त होकर विकसित हों। "

जयशंकर प्रसाद , तितली


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जयशंकर प्रसाद quote : जीवन लालसाओं से बना हुआ सुन्दर चित्र है। उसका रंग छीनकर उसे रेखा—चित्र बना देने से मुझे सन्तोष नहीं होगा। उसमें कहे जाने वाले पुण्य—पाप की सुवर्ण कालिमा, सुख-दुःख की आलोक-छाया और लज्जा-प्रसन्नता की लाली-हरियाली उद्‌भासित हो। और चाहिए उसके लिए विस्तृत भूमिका, जिसमें रेखाएँ उत्सुक्त होकर विकसित हों।