" सारे विचार इस मन से ही उपजते हैं। विचार से अलग मन जैसी कोई चीज़ होती ही नहीं। अतः विचार ही मन का स्वभाव है। विचारों से अलग जगत जैसी किसी चीज़ का कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। गहन निद्रा में कोई विचार नहीं रहता, और इसलिए वहां कोई जगत भी नहीं रहता। "
― Alan Jacobs , Sri Ramana Maharshi (In Hindi): The Supreme Guru