" हम ‘जो है’ उसे बदलना या उसका रूपांतरण करना क्यों चाहते हैं? क्यों? क्योंकि हम जो हैं, वह हमें असंतुष्ट करता है इससे द्वंद्व और विक्षोभ उत्पन्न होता है, और इस स्थिति को नापसंद करते हुए हम कुछ बेहतर, कुछ श्रेष्ठतर, कुछ अधिक आदर्शपूर्ण स्थिति चाहते हैं। अब क्योंकि ‘जो है’ में पीड़ा है, बेचैनी है, द्वंद्व है, अतः हम परिवर्तन चाहते हैं। "
― J. Krishnamurti , आपको अपने जीवन में क्या करना है ?