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" गुलियाना के चेहरे की ओर देखती हुई मैं सोचने लगी कि इस धरती पर वे घर कब कब बनेंगे जिनके दरवाज़े तारों की चाबियों से खुलते हों.
कहानी 'गुलियाना का एक ख़त' से "

Amrita Pritam , मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan]


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Amrita Pritam quote : गुलियाना के चेहरे की ओर देखती हुई मैं सोचने लगी कि इस धरती पर वे घर कब कब बनेंगे जिनके दरवाज़े तारों की चाबियों से खुलते हों.<br />कहानी 'गुलियाना का एक ख़त' से