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" ... और
जब तुम
थमी
तपी
हवा हो जाओ
मैं
सूखी चोंच से
खामोश रेत पर
ओस लिखूंगा
तुम उसे
प्रेम पढ़ना ...
( झील में अटकी नदी से ) "

Darshvir Sandhu


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Darshvir Sandhu quote : ... और <br />जब तुम <br />थमी <br />तपी <br />हवा हो जाओ<br />मैं <br />सूखी चोंच से <br />खामोश रेत पर <br />ओस लिखूंगा<br />तुम उसे <br />प्रेम पढ़ना ...<br />( झील में अटकी नदी से )