" जो हुआ अच्छे के लिए ही हुआ …हमें वैसे दिखे न दिखे। कई बार हम उस छोटे से कीड़े की तरह होते हैं जिसे चबा लिए जाने के ठीक पहले हवा शेर के जबड़े से उड़ा कर निकाल दे और वो डिप्रेस हो जाये कि ये क्या हो गया! वहाँ तो हम कितने मजे में थे। "
― Abhishek Ojha , लेबंटी चाह | Lebanti Chah