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" ई सब सोच के थोड़े होता है। बस हो जाता है। प्रेम में भावनाएं और तर्क तेल और पानी की तरह होते हैं। वो आपस में घुल तो सकते नहीं। चाहे केतनों फेंट लीजिये। "

Abhishek Ojha , लेबंटी चाह | Lebanti Chah


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Abhishek Ojha quote : ई सब सोच के थोड़े होता है। बस हो जाता है। प्रेम में भावनाएं और तर्क तेल और पानी की तरह होते हैं। वो आपस में घुल तो सकते नहीं। चाहे केतनों फेंट लीजिये।