Home > Author > Munshi Premchand >

" ब्याह तो आत्म- समर्पण है।’ ‘अगर ब्याह आत्म-समर्पण है, तो प्रेम क्या है?’ ‘प्रेम जब आत्म-समर्पण का रूप लेता है, तभी ब्याह है; उसके पहले ऐयाशी है। "

Munshi Premchand , गोदान [Godaan]


Image for Quotes

Munshi Premchand quote : ब्याह तो आत्म- समर्पण है।’ ‘अगर ब्याह आत्म-समर्पण है, तो प्रेम क्या है?’ ‘प्रेम जब आत्म-समर्पण का रूप लेता है, तभी ब्याह है; उसके पहले ऐयाशी है।