Home > Author > Munshi Premchand >

" वह तेजप्रधान जीव है, और अहंकार में यह समझकर कि वह ज्ञान का पुतला है सीधा ईश्वर में लीन होने की कल्पना किया करता है। स्त्री पृथ्वी की भाँति धैर्यवान् है, शांति-संपन्न है, सहिष्णु है। "

Munshi Premchand , गोदान [Godaan]


Image for Quotes

Munshi Premchand quote : वह तेजप्रधान जीव है, और अहंकार में यह समझकर कि वह ज्ञान का पुतला है सीधा ईश्वर में लीन होने की कल्पना किया करता है। स्त्री पृथ्वी की भाँति धैर्यवान् है, शांति-संपन्न है, सहिष्णु है।