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" इच्छाओं को जीवन का आधार बनाना बालू की दीवार बनाना है । धर्म-ग्रंथों में आत्म-दमन और संयम की अखंड महिमा कही गई है, बल्कि इसी को मुक्ति का साधन बताया गया है । इच्छाओं और वासनाओं को ही मानव पतन का मुख्य कारण सिद्ध किया गया है और मेरे विचार में यह निर्विवाद है । ऐसी दशा में पश्चिम वालों का अनुसरण करना नादानी है । प्रथाओं की गुलामी इच्छाओं की गुलामी से श्रेष्ठ है "

Munshi Premchand , प्रेमाश्रम [Premashram]


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Munshi Premchand quote : इच्छाओं को जीवन का आधार बनाना बालू की दीवार बनाना है । धर्म-ग्रंथों में आत्म-दमन और संयम की अखंड महिमा कही गई है, बल्कि इसी को मुक्ति का साधन बताया गया है । इच्छाओं और वासनाओं को ही मानव पतन का मुख्य कारण सिद्ध किया गया है और मेरे विचार में यह निर्विवाद है । ऐसी दशा में पश्चिम वालों का अनुसरण करना नादानी है । प्रथाओं की गुलामी इच्छाओं की गुलामी से श्रेष्ठ है