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" सुख में आदमी का धरम कुछ और होता है, दुख में कुछ और। सुख में आदमी दान देता है, मगर दु:ख में भीख तक माँगता है। उस समय आदमी का यही धरम हो जाता है। "

Munshi Premchand , गोदान [Godaan]


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Munshi Premchand quote : सुख में आदमी का धरम कुछ और होता है, दुख में कुछ और। सुख में आदमी दान देता है, मगर दु:ख में भीख तक माँगता है। उस समय आदमी का यही धरम हो जाता है।