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" नौका पर बैठे हुए जल विहार करते समय हम जिन चट्टानों को घातक समझते हैं, और चाहते हैं की कोई इन्हें खोदकर फेंक देता, उन्ही से नौका टूट जाने पर हम चिमट जाते हैं । "

Munshi Premchand , गोदान [Godaan]


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Munshi Premchand quote : नौका पर बैठे हुए जल विहार करते समय हम जिन चट्टानों को घातक समझते हैं, और चाहते हैं की कोई इन्हें खोदकर फेंक देता, उन्ही से नौका टूट जाने पर हम चिमट जाते हैं ।