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" चाणक्य : तो युद्ध नहीं करना होगा। चन्द्रगुप्त : फिर क्या? चाणक्य : सिंहरण और अलका को नट और नटी बनना होगा, चन्द्रगुप्त बनेगा सँपेरा और मैं ब्रह्मचारी। देख रहे हो चन्द्रगुप्त, पर्वतेश्वरं की सेना में जो एक गुल्म अपनी छावनी अलग डाले हैं, वे सैनिक कहाँ के हैं? "

जयशंकर प्रसाद , चन्द्रगुप्त


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जयशंकर प्रसाद quote : चाणक्य : तो युद्ध नहीं करना होगा। चन्द्रगुप्त : फिर क्या? चाणक्य : सिंहरण और अलका को नट और नटी बनना होगा, चन्द्रगुप्त बनेगा सँपेरा और मैं ब्रह्मचारी। देख रहे हो चन्द्रगुप्त, पर्वतेश्वरं की सेना में जो एक गुल्म अपनी छावनी अलग डाले हैं, वे सैनिक कहाँ के हैं?