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" पूरे गाँव में भागीरथी जितना सुंदर कोई नहीं था। उसे एक बार देखने से जी नहीं भरता था। बार-बार देखने को मन करता था। उतना मोहक था उस अनाथ का रूप। उसके बाल उसके घुटनों के नीचे तक लटकते थे। रंग भी भगवान् की दया से गोरा-चिट्टा था। उसमें जैसे कोई कमी थी ही नहीं। उसके रूप को देखकर जलनेवाले कहते, ‘इतना सुंदर होना भी अच्छा नहीं होता। कहते हैं, इससे पति का बुरा होता है। बाल अगर ज्यादा लंबे हों तो अपशकुन होता है।’ इस तरह सौंदर्य का जो अंश उनके पास नहीं था और इस अनाथ लड़की के पास था, उसपर वे टिप्पणी करते। "

Sudha Murty , द्वंद्व


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Sudha Murty quote : पूरे गाँव में भागीरथी जितना सुंदर कोई नहीं था। उसे एक बार देखने से जी नहीं भरता था। बार-बार देखने को मन करता था। उतना मोहक था उस अनाथ का रूप। उसके बाल उसके घुटनों के नीचे तक लटकते थे। रंग भी भगवान् की दया से गोरा-चिट्टा था। उसमें जैसे कोई कमी थी ही नहीं। उसके रूप को देखकर जलनेवाले कहते, ‘इतना सुंदर होना भी अच्छा नहीं होता। कहते हैं, इससे पति का बुरा होता है। बाल अगर ज्यादा लंबे हों तो अपशकुन होता है।’ इस तरह सौंदर्य का जो अंश उनके पास नहीं था और इस अनाथ लड़की के पास था, उसपर वे टिप्पणी करते।