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" बात जब खाने की आए तो आप न सिर्फ अपने शरीर से पूछने की आदत डालें, बल्कि उसकी बात को ध्यानपूर्वक सुनें भी। भोजन के रूप में आपका शरीर क्या चाहता है, क्या खाने से आपके शरीर को प्रसन्नता मिलेगी, उसी चीज को आपको खाना चाहिए। फिलहाल तो यह काम आपका दिमाग तय करता है कि आपको क्या खाना चााहिए और क्या नहीं, जबकि हकीकत में दिमाग का भोजन से कोई लेना-देना नहीं। भोजन का शरीर से है। अगर आप ध्यानपूर्वक शरीर की बात सुनना सीख गए तो जाहिर है आप हमेशा उचित भोजन ही ग्रहण करेंगे। अगर आप इस शरीर का इस्तेमाल एक यंत्र की तरह करना सीख लें तो बेहतर होगा। दरअसल, यह इस धरती का सबसे शानदार और शक्तिशाली यंत्र है। इसी चीज के अहसास का नाम है योग। "

Sadhguru , Anand Lahar (Hindi)


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Sadhguru quote : बात जब खाने की आए तो आप न सिर्फ अपने शरीर से पूछने की आदत डालें, बल्कि उसकी बात को ध्यानपूर्वक सुनें भी। भोजन के रूप में आपका शरीर क्या चाहता है, क्या खाने से आपके शरीर को प्रसन्नता मिलेगी, उसी चीज को आपको खाना चाहिए। फिलहाल तो यह काम आपका दिमाग तय करता है कि आपको क्या खाना चााहिए और क्या नहीं, जबकि हकीकत में दिमाग का भोजन से कोई लेना-देना नहीं। भोजन का शरीर से है। अगर आप ध्यानपूर्वक शरीर की बात सुनना सीख गए तो जाहिर है आप हमेशा उचित भोजन ही ग्रहण करेंगे। अगर आप इस शरीर का इस्तेमाल एक यंत्र की तरह करना सीख लें तो बेहतर होगा। दरअसल, यह इस धरती का सबसे शानदार और शक्तिशाली यंत्र है। इसी चीज के अहसास का नाम है योग।