" मैं मौनी बाबा के उत्तर को अभी ठीक से समझ भी नहीं पाता हूँ, कि मुझे अपने शरीर में एक विचित्र प्रवाह महसूस होता है। वह प्रवाह मेरी रीढ़ की हड्डी से होता हुआ मेरी गर्दन में, और फिर मेरे सिर तक पहुँच जाता है। अचानक मेरी इच्छा-शक्ति अपने चरम पर पहुँच गई है। मैं स्वयं पर विजय प्राप्त करने की इच्छा के प्रति सजग हो गया हूँ। मुझे भीतर से ऐसा भी महसूस होता है कि मेरा आदर्श और कुछ नहीं बल्कि मेरे अपने ही भीतर की आवाज़ है जो मुझे परम आनंद प्रदान कर सकती है। मुझे अपने भीतर मौनी बाबा से आता एक विचित्र प्रवाह महसूस हो रहा है। "
― Paul Brunton , A Search In Secret India: The classic work on seeking a guru