" मैं अपनी सोचने की क्षमता से, जिसपर मुझे अब तक बहुत गर्व रहा है, छुटकारा चाहता हूँ क्योंकि मैं समझ चुका हूँ कि मैं अनजाने में इस सोच का बंधक बनकर जिया हूँ। मेरे भीतर अचानक बुद्ध से बाहर निकलकर और अपने सच्चे स्वरूप में रहने की इच्छा जाग्रत हो रही है। मैं विचारों से भी गहरे किसी अन्य स्थान में डुबकी लगाना चाहता हूँ। मैं देखना चाहता हूँ कि मस्तिष्क के बंधन से मुक्त होने पर कैसा लगता है। परंतु मुझे यह सब सचेत और जाग्रत अवस्था में करना है! "
― Paul Brunton , A Search In Secret India: The classic work on seeking a guru