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" ज़मीं भी उसकी, ज़मीं की ये नेमतें उसकी ये सब उसी का है, घर भी, ये घर के बंदे भी ख़ुदा से कहिये, कभी वो भी अपने घर आये! "

गुलज़ार , रात पश्मीने की


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गुलज़ार quote : ज़मीं भी उसकी, ज़मीं की ये नेमतें उसकी ये सब उसी का है, घर भी, ये घर के बंदे भी ख़ुदा से कहिये, कभी वो भी अपने घर आये!