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" न जलने पाते थे जिसके चूल्हे भी हर सवेरे सुना है कल रात से वो बस्ती भी जल रही है मैं "

Javed Akhtar , तरकश /ترکش / Tarkash


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Javed Akhtar quote : न जलने पाते थे जिसके चूल्हे भी हर सवेरे सुना है कल रात से वो बस्ती भी जल रही है मैं